जय गौ माता
हमारा इतिहास
गऊ रक्षा सेवा संस्थान, जालोर एक गौ रक्षा हेतु समर्पित गैर सरकारी संस्थान है, जिसकी नींव स्व.भरत जी टांक द्वारा रखी गयी थी.
श्रीमान छगन जी माली एवं स्व.भरत जी द्वारा युवा लोगो की टीम जोड़ कर गौमाता को बचाने हेतु मुहीम शुरू की.
छगन जी माली एवं युवा टीम द्वारा जहा भी सुचना मिलती वहा पर जाकर बीमार अथवा घायल गौमाता की सेवा की जाती और गाडी में ले के हॉस्पिटल पहुचाती थी
टीम द्वारा रोजाना केस बढ़ने पर एम्बुलेंस की आवश्यकता महसूस हुई इस लिए सभी कार्यकर्ताओ और भामाशाओं के सहयोग से एक पिकअप (एम्बुलेंस) लाइ गई जिसको दिनांक 22/09/2018 को गऊ सेवा हेतु समर्पित की गई जिसका नाम "गौ सेवा रथ" रखा गया और जालोर शहर एवं आसपास के गाँवो में बीमार एवं घायल गौवंशो को बचाने की मुहीम को तेज किया
वर्ष - 2022 राजस्थान में गौमाता पर लम्पी बीमारी नाम का भयंकर संकट आया जिसमे हजारो गौ वंशो की मृत्यु हुई थी उस समय हमारी टीम द्वारा बीमार और लम्पी बीमारी ग्रस्त गौ माता को बचाने हेतु कई प्रयास किये जिसमे शुरुआत में अलग अलग टीम बनाकर स्प्रे का छिडकाव किया और बीमारी फैलने पर भामाशाहो के सहयोग से राजस्थान का पहला लम्पी सेण्टर जालोर में बिशनगढ़ रोड पर शुरू किया जिसमे लम्पी बीमारी ग्रस्त गौवंशो को लाया जाता और उसका इलाज किया जाता , साथ ही मेडिकल टीम बनाकर गाव गाव जाकर टीकाकरण किये गये.
लम्पी बीमारी के समय संस्थान द्वारा तक़रीबन 800 से ज्यादा गौवंशो को "लम्पी केंद्र " में लाकर इलाज किया और तक़रीबन 1800 से ज्यादा गौवंशो का संस्था की मेडिकल टीमो द्वारा गाँव-गाँव जाकर टीकाकरण किया और बीमारी से बचाया
गऊ रक्षा सेवा संस्थान द्वारा लम्पी बीमारी ख़तम होने के बाद उसी वर्ष 2022 में बीमार एवं घायल गौवंशो और अन्य जीव जंतुओं की देखभाल और उपचार के लिए एक "गऊ रक्षा उपचार केंद्र" खोला गया जिसमे जालोर और आस पास के क्षेत्र से बीमार और दुर्घटना में घायल गऊवंशो और अन्य जीवो को गऊ सेवा रथ (एम्बुलेंस) की सहायता से लाया जाता हैं और उनका उपचार किया जाता हैं वर्तमान में गऊ रक्षा उपचार केंद्र जालोर में तकरीबन 300 गऊवंश और खरगोश, कुत्ते, बंदर, निल गाय, बिल्ली, इत्यादि जीव जंतु उपचाराधीन हैं
गऊ रक्षा सेवा संस्थान का गऊ सेवा में एक और गऊ रक्षा उपचार केंद्र माण्डवला का सुभारम्भ किया गया हैं जिसमे माण्डवला और आसपास के तकरीबन 40 गाँवो के बीमार एवं घायल गऊवंशो को उपचार हेतु गऊ सेवा रथ (एम्बुलेंस) द्वारा वहा लाया जा रहा हैं